राजकीय माध्यमिक विद्यालय बरसाना में बच्चों को दिखाया विकसित भारत बिल्डकॉन कार्यक्रम
आज का दिन राष्ट्रीय नवाचार दिवस के रूप में मनाया गया :- राजेश वशिष्ठ

जींद :- शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों में कक्षा छठ्ठी से बारहवी के बच्चों को विकसित भारत बिल्डकॉन कार्यक्रम जो सुबह 10 बजे से 12 बजे तक राष्ट्रीय स्तर पर दिखाया गया जिसमे राजकीय माध्यमिक विद्यालय बरसाना के बच्चों ने अपने अध्यापकों की देख रेख में उत्सुकता पूर्वक देखा ।मुख्याध्यापक जंग बहादुर ,अध्यापक सुखबीर,प्रमोद,राजेश वशिष्ठ ने बच्चों को कार्यक्रम के साथ साथ अलग अलग जानकारी भी दी जो बच्चों के लिए जानना अत्यंत जरूरी था ।अध्यापक राजेश वशिष्ठ ने बताया कि 23 सितंबर 2025 को लॉन्च किया गया यह अभियान केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय नवाचार आंदोलन है। जिसका मकसद विद्यार्थियों में नवाचार, तार्किक सोच और उद्यमिता की भावना को जड़ से विकसित करना है। यह पहल आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी ज्ञान, स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन और समावेशी समृद्धि के सिद्धांतों पर आधारित है।इससे आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी तकनीकी समाधानों का विकास। स्वदेशी, पारंपरिक भारतीय ज्ञान और कौशल को आधुनिक रूप देना। वोकल फॉर लोकल, स्थानीय उद्योगों, उत्पादों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना है ।विद्यार्थियों में नवाचार और समस्या-समाधान की सोच को बढ़ावा देना।युवाओं को राष्ट्र निर्माण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना।आकांक्षी, जनजातीय और दूरस्थ जिलों से सहभागिता को सुनिश्चित करना।बेहतर प्रोजेक्ट्स को मेंटॉरशिप, इन्क्यूबेशन और भविष्य के सहयोग से जोड़ना है ।राजेश वशिष्ठ ने जानकारी देते हुए बताया कि आज राष्ट्रीय नवाचार दिवस के रूप में मनाया गया जिसमे पुरे भारत वर्ष से 1 करोड़ विद्यार्थी शामिल हुए ।बच्चों द्वारा ऑनलाइन प्रोजेक्ट सबमिशन 14 से 31 अक्टूबर 2025 है ।1 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों की एक साथ भागीदारी इसे विश्व स्तर पर सबसे बड़े नवाचार अभियान के रूप में स्थापित करती है। यह पहल शिक्षा को वास्तविक समस्याओं के समाधान से जोड़ती है, विद्यार्थियों को इंडस्ट्री मेंटर्स से जोड़ती है और उनके लिए इन्क्यूबेशन एवं स्टार्टअप के रास्ते खोलती है।विकसित भारत बिल्डाथॉन 2025 केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि भारत के युवा नवप्रवर्तकों के लिए एक लॉन्चपैड है, जहाँ से वे न केवल राष्ट्रीय पहचान पा सकते हैं, बल्कि वि
कसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा सकते हैं।
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