पहला कदम फाउंडेशन ने आज विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस मनाया
पहला कदम फाउंडेशन ने आज विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस पर झुग्गी झोपड़ियों व भट्टों पर जाकर जागरूक करने के उद्देश्य से माता पिता और बच्चों से गरीबी दूर करने को लेकर बातचीत की व बच्चों को पुस्तके वितरित की । पहला कदम फाउंडेशन के चेयरमैन राजेश वशिष्ठ ने बताया कि गरीबी हटाने के लिए विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस प्रति वर्ष 17अक्टूबर को गरीबी, हिंसा और भूख के बारे में विश्व स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है

साक्षरता आज की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है :-राजेश वशिष्ठ
जींद:-पहला कदम फाउंडेशन ने आज विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस पर झुग्गी झोपड़ियों व भट्टों पर जाकर जागरूक करने के उद्देश्य से माता पिता और बच्चों से गरीबी दूर करने को लेकर बातचीत की व बच्चों को पुस्तके वितरित की । पहला कदम फाउंडेशन के चेयरमैन राजेश वशिष्ठ ने बताया कि गरीबी हटाने के लिए विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस प्रति वर्ष 17अक्टूबर को गरीबी, हिंसा और भूख के बारे में विश्व स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। कोविड महामारी जिसने पिछले एक साल के दौरान दुनिया को जकड़ लिया है जिसके परिणामस्वरूप गरीबी के खिलाफ लड़ाई में काफी दिक्कत आ रही है उनका मानना है कि शिक्षा आज की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है। सामाजिक एवं आर्थिक विकास से इसका गहरा संबंध है। निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पहला कदम फाउंडेशन द्वारा आज से साक्षरता अभियान कि शुरुआत कि गई।उन्होंने बताया कि साक्षरता का मतलब केवल पढ़ना-लिखना या शिक्षित होना ही नहीं है। लोगों में उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाना भी है । गरीबी उन्मूलन में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।संस्था फाउंडर रमेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि गरीबी दूर करने में प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य का अहम् रोल होता है इसलिए हमारा लक्ष्य बच्चों कि शिक्षा है।आज से हम अलग अलग स्थानों पर बच्चों को साक्षर करने के लिए इन बच्चों कि सुविधा को ध्यान में रखते हुए क्लास शुरू कर रहे है ।जो बच्चे अब भी स्कूल से ड्रॉपआउट है इसे बच्चों को साक्षर करना और बड़े बच्चों को स्वरोजगार कि और प्रेरित करना है ताकि ये बच्चे भी समाज में अपनी भूमिका निभा सके ।राज्य उपप्रधान राजाराम ने बताया कि आचार्य विनोबा ने इसी गरीबी को खत्म करने के लिए भूदान और ग्रामदान की मुहीम चलाई और देश को गरीबी से निजात दिलाने की एक राह और रोशनी की।हम भी इसी उद्देश्य को लेकर कार्य कर रहे है । नीरज चावला ने बताया कि आगे बढ़ने का अर्थ है प्रकृति के साथ अपने संबंधों को बदलना, भेदभाव की संरचनाओं को नष्ट करना और मानव अधिकारों के नैतिक और कानूनी ढांचे पर निर्माण करते रहना ।आगे बढ़ने का मतलब न केवल यह है कि कोई भी पीछे नहीं रहता है, बल्कि गरीबी में रहने वाले लोगों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया जाता है और उन्हें सामने आने के लिए समर्थन दिया जाता है ।इस अवसर पर गौरव ,एडवोकेट मनोज शर्मा , एडवोकेट विजय शर्मा ,अमित ,कृष्ण ,रूद्रांश,दुष्यंत आदि ने भी अपना योगदान दिया।
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