पांच दिवसीय जूनियर रेड क्रॉस कैम्प के दूसरे दिन ………………..

बच्चों ने सीखे जीवनोपयोगी पाठ

पांच दिवसीय जूनियर रेड क्रॉस कैम्प के दूसरे दिन ………………..
पांच दिवसीय जूनियर रेड क्रॉस कैम्प के दूसरे दिन ………………..


जींद :- शिक्षा विभाग के सहयोग से व जिला रेड क्रॉस सोसायटी के तत्वावधान में मोतीलाल स्कूल में चल रहे पांच दिवसीय जूनियर रेड क्रॉस कैम्प के दूसरे दिन का शुभारंभ रेड क्रॉस प्रार्थना के साथ हुआ। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों, मास्टर ट्रेनरों और बच्चों ने एकजुट होकर प्रार्थना में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन जिला संगठन आयुक्त राजेश वशिष्ठ के मार्गदर्शन में किया गया।
पहले सत्र में आचार्य सूर्य देव ने बच्चों को योग का महत्व समझाते हुए विभिन्न योगासन करवाए। उन्होंने बताया कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी एकाग्र करता है। नियमित योगाभ्यास से व्यक्ति तनावमुक्त रहकर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करता है। बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ योगाभ्यास किया और योग के लाभों को समझा।दूसरे सत्र में मास्टर ट्रेनर राममेहर ने रेड क्रॉस संगठन की स्थापना, उद्देश्य और कार्यप्रणाली पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने रेड क्रॉस के संस्थापक हेनरी डयुनेट के जीवन से प्रेरणा लेते हुए बताया कि मानवता की सेवा ही रेड क्रॉस का मूल उद्देश्य है। उन्होंने प्राथमिक चिकित्सा के महत्व पर भी प्रकाश डाला और बच्चों को आपातकालीन परिस्थितियों में प्राथमिक उपचार देने के तरीके सिखाए। साथ ही बच्चों को नोट्स तैयार करने और सीखी गई बातों को व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया।तीसरे सत्र में रेड क्रॉस सचिव रवि हुड्डा ने बच्चों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर देता है और परिवार को भी संकट में डाल देता है। उन्होंने सभी बच्चों को नशा मुक्त रहने की शपथ दिलाई और कहा कि “नशा नाश की जड़ है, इसे जड़ से समाप्त करना आवश्यक है।” उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे समाज में नशा मुक्ति का संदेश फैलाएं और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें।उन्होंने सभी को नशा मुक्त भारत कि शपथ दिलवाई ।चौथे सत्र में मास्टर ट्रेनर उषा गुप्ता ने रक्तदान के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु का प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है। रक्तदान से किसी अंजान व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है, जो मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने राजेश वशिष्ठ का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने अब तक 47 बार रक्तदान किया है, जो समाज के लिए प्रेरणादायक मिसाल है। रेड क्रॉस प्रतिनिधि सरोज कुंडू ने बताया कि यह प्रशिक्षण बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत उपयोगी है। बच्चे विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नई बातें सीख रहे हैं और वे इन्हें अपने दैनिक जीवन में अपनाने के लिए उत्साहित हैं। इस अवसर पर राजेश लाम्बा, सोनिया, कविता, पूजा और दीक्षा ने भी अपने महत्वपूर्ण योगदान से कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
कैम्प के दूसरे दिन की गतिविधियों ने बच्चों में सेवा, अनुशासन, स्वास्थ्य और मानवता के प्रति नई चेतना का संचार किया। रेड क्रॉस के इस प्रशिक्षण से न केवल बच्चों में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित हो रही है, बल्कि वे भविष्य में समाज के सच्चे सेवक बनने की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।

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