राजेश वशिष्ठ ने 36 बार रक्तदान करके एक मिशाल कायम की

जननी जने तो भक्त जन को चरितार्थ किया शिक्षक राजेश वशिष्ठ ने

राजेश वशिष्ठ ने 36  बार रक्तदान करके एक मिशाल कायम की

विश्व रक्तदान दिवस पर विशेष................
राजेश वशिष्ठ ने 36  बार रक्तदान करके एक मिशाल कायम की 
जननी जने तो भक्त जन को चरितार्थ किया शिक्षक राजेश वशिष्ठ ने 
जींद :विश्व रक्तदाता दिवस पर जज्बे और जनून का परिचय देने वाले  शिक्षक राजेश वशिष्ठ ने  रक्तदान को महादान माना है । इसको सार्थक करने में राजेश वशिष्ठ का मानना है की रक्त की बूंद सड़क पर ना बहे बल्कि हर जरूरत मंद को समय पर मिले ताकि समाज में सुरक्षा का सन्देश जाए ।  समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले शिक्षक राजेश वशिष्ठ का जनून काबिले तारीफ है । राजकीय प्राथमिक स्कूल रविदास बस्ती में कार्यरत राजेश वशिष्ठ ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं, स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर, जल बचाओं, प्लस पोलियो अभियान स्कूलों में नामांकन अभियान आदि कार्यों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया और साथ साथ ही ओरों को भी प्रेरित करने का कार्य किया है। इतना ही नहीं राजेश वशिष्ठ ने 36 बार रक्तदान करके एक मिशाल कायम की ओर युवाओं को प्रेरित करने का काम भी किया है।10 सितम्बर 2016 को रैडक्रॉस गतिविधियों में श्रेष्ट कार्य के कारण तत्कालीन महामहिम राज्यपाल कप्तान सिंह सौलंकी ने मेरिट अवार्ड देकर सम्मानित किया। राजेश वशिष्ठ ने बताया कि उनका मुख्य उदेश्य है कि हर व्यक्ति दिन में एक भलाई का कार्य करे तथा लोगों की सेवा करना और बच्चों को स्काउटिंग गतिविधियों के द्वारा उनको खेल-खेल में अच्छी शिक्षा प्रदान करना ताकि बच्चे आगे चलकर समाज के लिए एक अच्छा काम कर पाएं। राजेश वशिष्ठ को समय  समय पर अनेक संस्थाओं द्वारा अनेकों  अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है ।शान  ऐ भारत अवार्ड ,श्रेष्ट  नागरिक अवार्ड , शाइनिंग डायमंड  अवार्ड, मानव रत्न अवार्ड,शिक्षा के छेत्र में श्रेष्ट कार्यों के कारण शिक्षा रत्न अवार्ड ,भारत श्री अवार्ड ,सुपर एचीवर अवार्ड  आदि सम्मान प्राप्त कर भारत देश का नाम रौशन किया है ।उन्होंने कहा कि आगे भी सामाजिक क्षेत्र में बेहतरीन करने का काम किया जाएगा।

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