स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई करवा रहे पहला कदम फाउंडेशन सदस्य

शिक्षा से इंसान का ही नही राष्ट्र का भला होता है :-राजेश वशिष्ठ

स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई करवा रहे पहला कदम फाउंडेशन सदस्य
स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई करवा रहे पहला कदम फाउंडेशन सदस्य

स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई करवा रहे पहला कदम फाउंडेशन सदस्य
शिक्षा से इंसान का ही नही राष्ट्र का भला होता है :-राजेश वशिष्ठ
जींद :-पहला कदम फाउंडेशन की  टीम ऐसे बच्चों को चिन्हित कर रही है जो आज भी किन्ही कारणों से स्कूल जाने से वंचित है।संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश वशिष्ठ ने बताया कि आज के इस वैज्ञानिक युग में हम बहुत उन्नति कर चुके है लेकिन आज भी अलग अलग कारणों से बच्चे स्कूल में जाकर पढ़ाई नही कर रहे ऐसे में हर नागरिक कि जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने आस पास के बच्चों को चिन्हित करते हुए हमे जानकारी दे और हम उन बच्चों को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई के साथ साथ समाज कि मुख्य धारा में लाने का प्रयास करेंगे क्योंकि 'जहां अज्ञान है, वहीं अहंकार हो सकता है और जहां अहंकार है, वहीं अज्ञान हो सकता है। अज्ञान को केवल शिक्षा से ही मिटाया जा सकता है। आज भी महिलाएं बड़ी संख्या में अशिक्षित हैं, जो शिक्षित भी हैं, उनमें से ज्यादातर महिलाएं पूरी शिक्षित नहीं हैं। जो सुशिक्षित हैं, वे पुरुष प्रधान समाज की सोच से प्रभावित हैं। इस वजह से वे स्वयं से कमजोर महिलाओं को दबाती रहती हैं और इसके साथ ही अंधविश्वासों और कुप्रथाओं को मानने के लिए उन्हें बाध्य करती रहती है। शिक्षा ही एकमात्र ऐसा साधन है, जो अविकसित और अशिक्षित स्त्री और पुरुष दोनों को ही अंधविश्वासी से आत्मविश्वासी बनाती है। बेशक शिक्षा से जीवन में उजाले का प्रवेश होता है, जो व्यक्ति को समृद्ध, स्वस्थ, सुन्दर और बुद्धिमान बनाने के साथ-साथ यशस्वी भी बनाता है। शिक्षा केवल एक इंसान के ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के विकास में योगदान देती है। बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर ही एक राष्ट्र की मजबूत नींव तैयार की जा सकती है।  आप उनको अच्छी सीख दें, शिक्षित करें तो उनसे कहें कि वह दूसरों को भी इसी तरह शिक्षित करें। सीखने और सिखाने की जब एक कड़ी बन जाएगी तो फिर विकास होता चला जाएगा। फिर वह रूकेगा नहीं।एडवोकेट मनोज शर्मा ने बताया कि हमारा पूरा प्रयास रहता है कि ऐसे बच्चों को स्टेशनरी सामान के साथ साथ पुस्तके,ड्रेस भी मुहैया करवाए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार कि समस्या का सामना ना करना पड़े । अभी तक 60 बच्चों को चिन्हित किया जा चुका है ।उन्होंने बताया कि हमारे देश के लिए गरीबी और भूखमरी के अलावा अशिक्षा भी बड़ी समस्या है। देश में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन अशिक्षा की समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है। बच्चों को आधारभूत शिक्षा भी नहीं मिल पा रही है।हालांकि केवल सरकार के योजना बनाने से ही सब कुछ नहीं होता है, बल्कि लोगों में भी जागरूकता होनी चाहिए। इसके लिए समाज में जागरूकता अभियान में पहला कदम फाउंडेशन अपना अहम् रोल अदा कर रहा है। इस फाउंडेशन का उद्देश्य शिक्षा से वंचित बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना है।संस्था के ट्रेजरर गौरव ने बताया कि 'मैंने कई बच्चों को सडक़ पर भीख मांगते और गुब्बारे बेचते देखा था। मुझे ये सब बहुत बुरा लगता था। मैं उन्हें स्कूल जाते देखना चाहता था। वहीं से मैंने फाउंडेशन बनाने के बारे में सोचा।'एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों गौरव ने बताया कि मैंने नोटिस किया कि कई बच्चे हैं जो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण स्कूल नहीं जा पाते और शिक्षा से दूर रह जाते हैं।'राज्य अध्यक्ष सुभाष ढिगाना ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई की ओर ले जाने के लिए वॉलंटिअर्स क्लासेज शुरू कीं। इनमें गरीब और पढ़ाई से वंचित बच्चों को रोज 2 घंटे पढ़ाया जाता है। पढ़ाई के अलावा क्लास में बच्चों को स्टेशनरी, जूते और बैग जैसे सामान भी दिए जाते हैं।स्लम एरिया के बच्चों को पढ़ाते हैं। इसके लिए इलाके के खुले मैदान में एक टीन शेड की क्लास बनाई गई और बस्ती के बच्चों को क्लास में आने के लिए प्रेरित किया जाता है।क्लास में बच्चों को बेसिक शिक्षा से शुरुआत की गई। बच्चे बोर ना हों, इसके लिए क्लास में ड्रॉइंग, ऑडियो-विडियो क्लासेज भी लगाईं। तीन महीनों बाद क्लास के 60 बच्चों में से कुल 36 बच्चों का ऐडमिशन स्कूल में कराया गया। 

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