शिक्षक के जनून ने बच्चों को दिलाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

शिक्षक के जनून ने बच्चों को दिलाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

शिक्षक के जनून ने बच्चों को दिलाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

खेल खेल में शिक्षा देकर बच्चों को स्वयं करके सीखना सीखाया

जींद :- जनूनी लोग ही इतिहास बनाते है ।इसको सत्य करने वाले शिक्षक राजेश वशिष्ठ ने अपने  जनून से प्राइमरी क्लास के बच्चों को खेल खेल में न केवल पढाया बल्कि उनको खुद भी करके सीखने को जागरूक बनाया । एक बात तो तय है कि ऐसे जनूनी दूर से ही चमकते हैं ,भीड़  से अलग अपनी पहचान रखते हैं। राजकीय प्राथमिक  विद्यालय सफीदों (रवि दास बस्ती ) में जेबीटी शिक्षक जो अपने शैक्षिक दयित्व्यों के साथ साथ वर्ष 2008 से जिले के कब और बुलबुल के जिला संगठन आयुक्त का कार्यभार भी संभाले हैं। इनके नेतृत्व में जींद जिला कबिंग के क्षेत्र में लगातार दस वर्षों से श्रेष्ठता का परचम लहरा रहा है। वर्ष 2009 में 50 वर्ष 2010 में 120, वर्ष 2011, में 90 बच्चों ने गोल्डन ऐरो अवार्ड प्राप्त किया। वर्ष 2012 में तो इन्होने एक नया ही कीर्तिमान स्थापित कर दिया। हरियाणा प्रदेश को मिले 228 अवार्डों में से अकेले जींद ने 180 अवार्ड जीते। एक ही जिले ने

लगभग 80 प्रतिशत पुरस्कारों पर कब्जा जमाया।वर्ष 2015 में 110 ,वर्ष 2016 में एक बार फिर से इतिहास बना डाला ।पुरे हरियाणा से 74 बच्चों का चयन गोल्डन एरो अवार्ड में हुआ ।सभी 74 बच्चे जिला जींद के थे ।सौ प्रतिशत अवार्ड दिलवाकर एक बार फिर से अपनी मेहनत का सबूत दिया। वर्ष 2017 में 61 बच्चों को गोल्डन एरो अवार्ड मिला ।पुरे हरियाणा में एक बार फिर से प्रथम स्थान रहा । इस असाधारण प्रदर्शन का पूरी तरह से जिले के जिला संगठन आयुक्त ,(कब -बुलबुल )राजेश वशिष्ठ को जाता है। कब व बुलबुल की गतिविधियों में अपने जिले को नई बुलंदियों तक पहुचाने वाले राजेश वशिष्ठ को 6 अगस्त 2013 को हरियाणा के राज्यपाल महामहिम जगन्नाथ पहाडिया ने मैडल ऑफ मैरिट से स मानित किया। इसी कार्यक्रम में इन्होने कब -बुलबुल गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के कारण प्रथम स्थान शील्ड भी हासिल की।

शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन ,नई नई शिक्षण विधियाँ ,बच्चो के सर्वांगीण विकास ,श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम एवं समाज सेवा जैसे  कार्यों के दम पर 5 सितम्बर 2014को राज्य शिक्षक पुरस्कार से महामहिम राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने सम्मानित  किया।

हिंदी व संस्कृत में स्नातकोतर ,प्रभाकर ,शास्त्री की डिग्री लेने वाले राजेश वशिष्ठ लेखन ,पठन-पाठन तथा पत्रकारिता का शौक रखते हैं।   इतना ही नही वे शिक्षण के क्षेत्र में भी ऐसी शैक्षिक तकनीके इजाद कर रहे हैं जिनके द्वारा बालक खेल खेल में शिक्षा प्राप्त करें। शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद प्रतियोगिताओं में बच्चों को जिला स्तर,राज्य स्तर पर स मानित करवाकर अपनी श्रेष्टता दिखाई है । राष्ट्रीय कब बुलबुल उत्सव व रीजनल कब बुलबुल उत्सव में राज्य का नेतृत्व करते हुए प्रथम स्थान हासिल करना । राज्य शैक्षिक अनुसंधान गुडगाँव ,राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान दिल्ली में विभिन्न कार्यशालाओं में अध्यापकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करके नई नई शिक्षण विधियों से अवगत करवाया।

जिला जींद के छोटे छोटे प्राथमिक कक्षाओ के बच्चों ने लगातार 15 वर्षों से प्रदेश का नेतृत्व करते हुए प्रथम स्थान की शील्ड पर अपना कब्जा जमाया। जिसकी राष्ट्रय आयुक्त ,निदेशक ने समय समय पर प्रसंशा की ।14 से 18 फरवरी 2016 में आयोजित राष्ट्रीय कब बुलबुल उत्सव में एक बार फिर प्रथम स्थान शील्ड लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 2 मार्च 2016  24 मई 2018 को महामहिम राज्यपाल से प्रथम स्थान की शील्ड प्राप्त की।10 सितम्बर  2016 को रैडक्रॉस गतिविधियों में श्रेष्ट कार्य के कारण महामहिम राज्यपाल कप्तान सिंह सौलंकी ने मेरिट अवार्ड देकर सम्मानित किया।

वशिष्ठ को समय  समय पर अनेक संस्थाओं द्वारा अनेकों  अवार्ड से स मानित किया जा चुका है ।शान  ऐ भारत अवार्ड ,श्रेष्ट  नागरिक अवार्ड , शाइनिंग डायमंड  अवार्ड, मानव रत्न अवार्ड,शिक्षा के छेत्र में श्रेष्ट कार्यों के कारण शिक्षा रत्न अवार्ड ,भारत श्री अवार्ड ,सुपर एचीवर अवार्ड,पर्यावरण मित्र अवार्ड, आदि सम्मान  प्राप्त कर भारत देश का नाम रौशन किया है ।

शिक्षक राजेश वशिष्ठ अनेक सामाजिक मुद्दों के विषय में जिला,राज्य और राष्ट्रीय  आयोजनों के माध्यम से अभियान चला रहे हैं,जैसे जल सरंक्षण ,कन्या भ्रूण हत्या ,पर्यावरण प्रदूषण ,स्वच्छ्ता अभियान ,एड्स ,पोलियो,पोलीथिन  आदि। रक्तदान को सबसे बड़ा  दान मानने वाले श्री वशिष्ठ अब तक 36 बार रक्तदान कर चुके हैं तथा दूसरों को भी इसके लिए लगातार प्रेरित करते रहे हैं। लगातार सामाजिक सरोकारों से जुड़े होने  के कारण इनके कार्य को खूब सराहना मिली है। वशिष्ठ को समय समय पर जिला स्तर ,राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित  किया जा चुका है।

शिक्षक राजेश वशिष्ठ ने अपने 24 वर्ष के शैक्षिक कार्यकाल में अलग अलग 5 स्कूलों में बच्चों को खेल ,ड्राइंग,मॉडल ,ग्रुप सॉंग,ग्रुप डांस ,स्टोरी टेलिंग आदि अनेक प्रतियोगिताओ में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों को सम्मानित  करवाया है ।रविदास बस्ती स्कूल सफीदों के 36 बच्चों ने राज्य स्तर, 24 बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर पर गोल्डन एरो अवार्ड व 2 बच्चे ने महामहिम राज्यपाल  से सम्मानित  होकर  अपनी प्रतिभा का परचम लहराया ।जिला स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्राप्त करके दिखा दिया कि जनून के आगे हिमालय भी बौना हो  जाता है ।

                              शिक्षक है हम शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे ।भारत के नन्हे मुन्नों की तस्वीर बदल देंगे ।।

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