स्काउट के इतिहास में एक बार फिर से जिला संगठन आयुक्त राजेश वशिष्ठ ने बनाया रिकॉर्ड

जींद के 75 कब बच्चों को नेशनल गोल्डन एरो अवार्ड

स्काउट के इतिहास में एक बार फिर से जिला संगठन आयुक्त राजेश वशिष्ठ ने बनाया रिकॉर्ड

उपलब्धि:-स्काउट के इतिहास में एक बार फिर से जिला संगठन आयुक्त राजेश वशिष्ठ ने बनाया रिकॉर्ड 
जींद के 75 कब बच्चों को नेशनल गोल्डन एरो अवार्ड 
जींद :-स्काउट के इतिहास में जिले ने एक बार फिर से  नया रिकॉर्ड बनाया है ।राष्ट्रीय स्तर पर कब बुलबुल गतिविधियों में शानदार प्रदर्शन पर प्रदेश के 183 बच्चों को प्राथमिक स्तर के सबसे बड़े नेशनल गोल्डन एरो अवार्ड के लिए चुना गया है ।खास बात यह है कि जींद जिले के विभिन्न स्कूलों से 75 कब बच्चे चयनित हुए हैं ।जिला संगठन आयुक्त राजेश वशिष्ठ  के अथक प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हुई है। दिल्ली में 22 फरवरी को राष्ट्रीय मुख्यालय पर जिला संगठन आयुक्त राजेश वशिष्ठ को बुलाया गया है ।ओमिक्रोन के कारण अबकी बार राष्ट्रीय मुख्य आयुक्त द्वारा सभी चयनित बच्चों के सर्टिफिकेट जिला संगठन आयुक्त राजेश वशिष्ठ को दिए जायेंगे ताकि बच्चों को जिला स्तर पर  पुरस्कृत किया जाए । जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सदानंद वत्स एवं सभी खंड शिक्षा अधिकारी तथा प्रधानाचार्य, मुख्य अध्यापक ने राजेश वशिष्ठ को इसके लिए बधाई दी ।जींद कि कब- बुलबुल गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला कर पूरे देश में अपने कब- बुलबुल गतिविधियों का लोहा मनवाने वाले राजेश वशिष्ठ ने बताया कि इन गतिविधियों के जरिए प्राथमिक कक्षा के बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से सिखाया जाता है। कैंपों में कब (लडक़े) बुलबुल (लड़कियां) को नैतिक शिक्षा दी जाती है। बड़ों की आज्ञा मानने और साफ-सफाई व विनम्रता का पाठ पढ़ाया जाता है ।छोटी-छोटी कहानियों के जरिए बच्चों में निखार आ जाता है ।वशिष्ठ ने बताया कि बीते दिनों सऊदी अरब का एक प्रतिनिधिमंडल भी कब बुलबुल गतिविधियों को देखने के लिए जींद पहुंचा था। यहां की गतिविधियों से यह प्रतिनिधिमंडल इतना प्रभावित हुआ कि अपने देश जाकर कब बुलबुल गतिविधियों को और मजबूत व तकनीक के साथ चलाने का आह्वान किया।
 ऐसे मिलता है अवार्ड :-
प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों द्वारा प्रथम चरण से चतुर्थ चरण तक की गई अलग-अलग गतिविधियों का आकलन के आधार पर बच्चों को नेशनल गोल्डन एरो अवार्ड नेशनल चीफ कमिश्नर द्वारा दिया जाता है। जिला संगठन आयुक्त राजेश ने बताया कि जींद कि कब बुलबुल गतिविधियां पिछले 15 वर्षों से बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं ।स्कूलों में कब-मास्टर और फ्लॉक लीडर  ने इस मुकाम हासिल करने में अपना बड़ा योगदान दिया है।
इस वर्ष इन स्कूलों के बच्चे होंगे सम्मानित :-

क्रमांक  स्कूल का नाम  चयनित कब बच्चे 
1 राजकीय प्राथमिक स्कूल सफीदों सिटी                  09 कब
2 दालमवाला स्कूल दालमवाला                             02 कब
3 सुप्रीम स्कूल जींद                                              04 कब
4 राजकीय कन्या प्राथमिक स्कूल आश्रम बस्ती जींद      15 कब
5 राजकीय प्राथमिक स्कूल रविदास बस्ती  सफीदों       07 कब
6 चंद्रशेखर अआजद स्कूल दनोदा                              16 कब
7 मोतीलाल स्कूल जींद                                          12 कब
8 राजकीय प्राथमिक स्कूल गांगोली                        06 कब
9 जाट स्कूल जींद                                                04 कब

जिला जींद को मिले अब तक के गोल्डन अवार्ड का साल वाईज ब्यौरा :-
वर्ष 2009 में 50, वर्ष 2010 में 120, वर्ष 2011, में 90 बच्चों ने गोल्डन ऐरो अवार्ड प्राप्त किया। वर्ष 2012 में तो अलग ही कीर्तिमान स्थापित कर दिया। हरियाणा प्रदेश को मिले 228 अवार्डों में से अकेले जींद ने 180 अवार्ड जीते। एक ही जिले ने लगभग 80 प्रतिशत पुरस्कारों पर कब्जा जमाया।वर्ष 2015 में 110 ,वर्ष 2016 में एक बार फिर से इतिहास बना डाला ।पुरे हरियाणा से 74 बच्चों का चयन गोल्डन एरो अवार्ड में हुआ ।सभी 74 बच्चे जिला जींद के थे ।सौ प्रतिशत अवार्ड दिलवाकर एक बार फिर से अपनी मेहनत का सबूत दिया। वर्ष 2017 में 61 बच्चों को गोल्डन एरो अवार्ड मिला ।पुरे हरियाणा में एक बार फिर से प्रथम स्थान रहा । वर्ष 2018 में 74,वर्ष 2019 में 473 में से 141 बच्चों ने गोल्डन एरो अवार्ड मिले, तथा हरियाणा में एक बार फिर से प्रथम स्थान रहा । वर्ष 2020 में 61 बच्चों ने गोल्डन एरो अवार्ड मिले ।

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